Vigilance registers corruption case against former Finance Minister Manpreet Singh Badal and others
BREAKING
दिल्ली ब्लास्ट- अब लाल रंग की इस कार को लेकर अलर्ट; यह है गाड़ी का नंबर, साजिशकर्ताओं के पास 1 नहीं बल्कि 2 कारें थीं, तलाश तेज भूटान से लौटते ही एक्शन में PM मोदी; LNJP अस्पताल पहुंच दिल्ली Blast के पीड़ितों से मिले, डॉक्टरों से कहा- अच्छा इलाज करना मोहाली के डेराबस्सी में बड़ा एनकाउंटर; लॉरेंस बिश्नोई गैंग के बदमाशों से पुलिस की भीषण मुठभेड़, दोनों तरफ से कई राउंड फायरिंग बॉलीवुड स्टार धर्मेंद्र को अस्पताल से मिली छुट्टी; मुंबई स्थित आवास लाया गया, मौत होने की गलत खबरों से परिवार दुखी, इलाज अभी चलेगा कांग्रेस ने पंजाब में जिला प्रधान नियुक्त किए; देखिए किन चेहरों को डिस्ट्रिक्ट लीडरशिप, राहुल गांधी ने कहा था- डिस्ट्रिक्ट लेवल पर पावर देंगे

Punjab: विजीलैंस द्वारा पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और अन्यों के खि़लाफ़ भ्रष्टाचार का केस दर्ज, तीन मुलजिम गिरफ़्तार  

Vigilance registers corruption case against former Finance Minister Manpreet Singh Badal and others

Vigilance registers corruption case against former Finance Minister Manpreet Singh Badal and others

Vigilance registers corruption case against former Finance Minister Manpreet Singh Badal and others- चंडीगढ़I पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रही मुहिम के दौरान पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल और चार अन्यों के खि़लाफ़ आपराधिक और भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। इस मामले में विजीलैंस ने तीन मुलजिमों राजीव कुमार निवासी न्यू शक्ति नगर बठिंडा, अमनदीप सिंह निवासी लाल सिंह बस्ती बठिंडा और विकास अरोड़ा निवासी टैगोर नगर बठिंडा को गिरफ़्तार कर लिया है।  

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उपरोक्त मामला बठिंडा शहरी के पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला द्वारा मनप्रीत सिंह बादल और अन्यों के खि़लाफ़ दर्ज करवाई गई शिकायत की जाँच के उपरांत दर्ज किया गया है।  

उन्होंने बताया कि पड़ताल के दौरान पाया गया कि मनप्रीत सिंह बादल ने साल 2018 से 2021 तक वित्त मंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान अपने राजनीतिक दबाव और प्रभाव के स्वरूप मॉडल टाऊन फेज-1 बठिंडा, नज़दीक टी.वी. टावर में 1560 वर्ग गज के दो प्लॉट खऱीदे, जिस कारण सरकारी खजाने को लाखों रुपए का वित्तीय नुकसान हुआ है।  

प्रवक्ता ने आगे बताया कि शिकायत नंबर 11/2022 की जाँच के दौरान यह पाया गया कि पूर्व वित्त मंत्री ने अपने प्रभाव का प्रयोग करते हुए बी.डी.ए. बठिंडा के अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके साल 2021 में प्लॉट्स की बोली के दौरान आम लोगों को गुमराह करते हुए नकली नक्शे अपलोड करवाए गए थे, जिससे बोली प्रक्रिया में आम लोगों की भागीदारी को रोका जा सके। इसके अलावा अपलोड किए गए नक्शे में प्लॉट नंबर 725-सी (560 वर्ग गज) और 726 (1000 वर्ग गज) को भी आवासीय की बजाय व्यापारिक तौर पर दिखाया गया था और प्लॉट्स के नंबर ऑनलाइन ई-ऑक्शन पोर्टल और दिखाए गए नक्शे में नहीं दिखाए गए थे। इसके अलावा इन प्लॉ्स की नीलामी के लिए बलविन्दर कौर, प्रशासनिक अधिकारी, बी.डी.ए. बठिंडा के डिजिटल हस्ताक्षरों का प्रयोग उनकी इजाज़त के बिना किया गया।

पड़ताल के दौरान यह बात भी सामने आई कि राजीव कुमार, विकास अरोड़ा और अमनदीप सिंह नामक अकेले तीन बोलीदाताओं के लिए बोली एक ही व्यक्ति एडवोकेट संजीव कुमार द्वारा एक ही आई.पी. एड्रेस से की गई। इसके अलावा दोनों प्लॉट्स बोलीदाताओं द्वारा 2021 में कम दाम पर खऱीदे गए थे, जो दाम साल 2018 में नीलामी के समय पर तय किए गए थे, जिस कारण सरकार को करीब 65 लाख रुपए का वित्तीय नुकसान हुआ था।  

पूर्व वित्त मंत्री ने बीडीए बठिंडा से अलॉटमैंट पत्र मिलने से पहले अपने जाने-पहचाने बोलीदाताओं से एग्रीमैंट्स के द्वारा दोनों प्लॉट्स खरीद लिए। यह भी पता लगा है कि मनप्रीत सिंह बादल ने सफल अलॉटियों को 25 प्रतिशत बयाना पहले ही ट्रांसफर कर दिया, जिससे पता लगता है कि उनकी बोलीदाताओं से पहले ही मिलीभगत थी।  

उन्होंने आगे बताया कि विजीलैंस ब्यूरो द्वारा इस केस में अन्य दोषियों की गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है और आगे की जाँच के दौरान अन्य दोषियों के शामिल होने संबंधी भी पता लगाया जाएगा।